Thursday, January 20, 2011

दिलों के फासले से दूरियां रखना...!

दूरियां रास्तों की हो तो कोई हर्ज नहीं,
दिलों के फासले से आप दूरियां रखना।


मिलेगी रौशनी हजारों चरागों वाली,
न भूलना दीये से यारियां रखना ।। 


जुर्म के आम झूलते झूठ के पेड़ों पर,
हाथ में सत्य की आरियां रखना ।।

लगे न दाग, ना दामन कभी ये मैला हो,
कपड़ों पे मेहनत की कारियां रखना ।।  

छीन लें किसी का हक़ न 'देव' ऐसा हो,
मेरे पास चाहे तो लाचारियां रखना ।।

- देवेश

6 comments:

''अपनी माटी'' वेबपत्रिका सम्पादन मंडल said...

gazab........

Anonymous said...

i enjoy exactly how you receive your level throughout.

Anonymous said...

i enjoy exactly how you receive your level throughout

Unknown said...

अतीव रम्या रचना..!

Unknown said...

अतीव रम्या रचना देवेश..!

Dev Vyas said...

Dhanyawad sir.